Priyanka06

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लेखनी कहानी -28-Apr-2022 परछाई

रचयिता-प्रियंका भूतड़ा

शीर्षक-परछाई

कुछ नहीं चलता साथ में
बस चलती है परछाईं

कितनी भागी कितनी दौड़ी
परछाई  मुझे नहीं छोड़ी

हर पल हर दम रही मेरे साथ
पीछे पीछे आती रहती है मेरी परछाई

दुख हो या सुख हर जगह
साथ निभाती है परछाई

गम के हो तूफान
या हो खुशी की बारिश
दिखाई देती है परछाई

तेज धूप की रोशनी में
या हो चमकती बिजली
बिजली में झिलमिलाती है परछाई

जिस दिन आई हूं दुनिया में
मृत्यु की दुनिया तक
शुरू से अंत तक
सिर्फ रहेगी साथ परछाई

मुझसे हुई हर गलती का
एहसास कराती है परछाई

जब मैं रोती हूं 
तब खुशी का अहसास दिलाती है परछाई

किसी की परवाह नहीं मुझे
जब होती है साथ परछाई

मेरी जिंदगी की सच्चाई दिखलाती है
वह मेरी सच्ची मित्र कहलाती है
जिंदगी का सफर कहलाती है
वो मेरी परछाई कहलाती है

सप्ताह की 15 कविता





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8 Comments

Seema Priyadarshini sahay

29-Apr-2022 10:00 PM

बहुत खूबसूरत

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Naresh Sharma "Pachauri"

28-Apr-2022 09:13 PM

अति सुन्दर

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Simran Bhagat

28-Apr-2022 08:29 PM

👍🏻👍🏻

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